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Moral Story : लड़का और बिच्छू- यह कहानी सूरज नाम के एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव में रहता था। सूरज एक बहुत ही खुशमिजाज़ बच्चा था जिसे हँसना-हँसाना और मज़ाक करना बहुत पसंद था। वह अपने दोस्तों के साथ खेलने में बहुत समय बिताता था। सूरज के बारे में सबसे अच्छी बातों में से एक यह थी कि वह हमेशा अपनी माँ की बात सुनता था और वही करता था जो वह कहती थी। उसकी माँ उससे बहुत प्यार करती थी और उसका बहुत ख्याल रखती थी।
एक दिन, सूरज अपने दोस्तों के साथ गाँव के मैदान में खेल रहा था। जब वे खेल रहे थे, सूरज कुछ झाड़ियों के पास गया और एक बिच्छू देखा। उसने एक पल के लिए उसे देखा और सोचा कि इसे पकड़ना मज़ेदार होगा। लेकिन जब उसने बिच्छू को छुआ, तो उसने तुरंत उसके हाथ पर डंक मार दिया!
सूरज चिल्लाया, "ओह माँ! मुझे एक बिच्छू ने काट लिया है!" उसके दोस्तों ने उसे पकड़ लिया और घर पहुँचाया। जब उसकी माँ ने यह देखा, तो वह घबराई नहीं, बल्कि शांत भाव से बिच्छू पर हल्दी और पानी का लेप लगाकर उसका इलाज करने लगी। सूरज दर्द से कराह उठा और बोला, “माँ, यह बिच्छू बहुत खतरनाक है। मैंने इसे कुछ नहीं किया, फिर भी इसने मुझे काट लिया। अब मुझे बिच्छुओं से बहुत डर लगता है।”
सूरज की माँ ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे बेटे, यह डर तुम्हारी कमजोरी बन सकता है। हमेशा याद रखना और डर को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना।”
सूरज ने फिर पूछा, “माँ, लेकिन बिच्छू का क्या? यह लोगों को काटता है।”
इस पर माँ ने समझाया, “बेटा, अगर तुमने बिच्छू को मजबूती से और सही तरीके से पकड़ा होता, तो यह तुम्हें काट नहीं पाता। जीवन में कई बार मुसीबतें बिच्छुओं की तरह हमारा इंतजार करती हैं। अगर तुम उनसे डरकर भाग जाओगे, तो वे हमेशा तुम्हें नुकसान पहुँचाएँगी। लेकिन अगर तुम उनका सामना हिम्मत से करो और उनके साथ सही व्यवहार करो, तो वे कभी तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचा पाएँगे।”
माँ की बात सुनकर सूरज को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सोचा, "मुझे हमेशा हिम्मत और समझदारी से काम लेना चाहिए। अगर मैंने अपनी माँ की बात मानी होती, तो मुझे आज इस दर्द से नहीं गुजरना पड़ता।"
अगले दिन, सूरज ने अपनी माँ से कहा कि वह तब से होशियार और बहादुर बनने की कोशिश करेगा।
कहानी से सीख :
कभी-कभी, जीवन में समस्याएँ डरावने कीड़ों की तरह होती हैं, बिच्छुओं की तरह। अगर हम बहुत डरे हुए हैं और उनसे दूर भागते हैं, तो वे हमारे लिए चीजों को और भी मुश्किल बना सकते हैं। लेकिन अगर हम बहादुर हैं और सकारात्मक सोचते हैं, तो हम उन समस्याओं को हल कर सकते हैं। अच्छा करने के लिए खुद पर विश्वास करना वाकई ज़रूरी है!